à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी को सूली पर किसने चà¥à¤¾à¤¯à¤¾
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Rajeev ChoudharyDate
11-Jul-2020Category
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पहली तशà¥à¤µà¥€à¤° में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी कà¥à¤°à¥‹à¤¸ लिठखड़े है दूसरी में बैठे है और तीसरी तशà¥à¤µà¥€à¤° में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी को ही सूली पर लटका दिया गया है, मतलब ईसाई पिछले 2500 सौ सालों से जो ईसाई जीसस को सूली से नहीं उतार पाठअब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने योगिराज à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी को à¤à¥€ सूली पर चà¥à¤¾ दिया है, à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी को सूली पर लटकाने का इनका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ साफ है कि इस तसà¥à¤µà¥€à¤° को दिखाकर ना जाने कितने à¤à¥‹à¤²à¥‡ à¤à¤¾à¤²à¥‡ आदिवासि à¤à¤¾à¤ˆ बहनों को ये लोग जीसस की सूली पर चà¥à¤¾à¤à¤‚गे.
असल में जिसे हम आज à¤à¤¾à¤°à¤–ंड कहते है, à¤à¤• समय यह बिहार का हिसà¥à¤¸à¤¾ था, उस दौरान मिशनरीज ने à¤à¤• अफवाह फैलाई कि आदिवासी हिनà¥à¤¦à¥‚ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ ईसाई है, उस समय कारà¥à¤¤à¤¿à¤• उरांव नाम के à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नेता हà¥à¤† करते थे राजनीती में उनका कद इंदिरा के समान था कारà¥à¤¤à¤¿à¤• जी को आदिवासियों का मसीहा à¤à¥€ कहा जाता है, तो कारà¥à¤¤à¤¿à¤• उरांव जी ने इसका बड़ा विरोध किया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बिहार में उस दौरान मिशनरीज आदिवासियों को मूलनिवासी की घà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ पिलाना शà¥à¤°à¥‚ कर चà¥à¤•à¥€ थी, तब कारà¥à¤¤à¤¿à¤• जी ने सवाल उठाया कि पहले सरकार इस बात को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करे कि बाहर से कौन आया था? यदि हम यहाठके मूलवासी हैं तो फिर हम ईसाई कैसे हà¥à¤..? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ईसाई पनà¥à¤¥ तो यूरोप से निकला है, और यदि हम ईसाईयत को लेकर बाहर से आये है तो फिर हम यहाठके मूलनिवासी नहीं है, आरà¥à¤¯ ही यहाठके मूलनिवासी है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिनका विसà¥à¤µà¤¾à¤¸ यहाठके वैदिक धरà¥à¤® पर है वही यहाठका मूलनिवासी है, इतना कहकर कारà¥à¤¤à¤¿à¤• ने à¤à¤• सवाल उछाला था कि यदि हम ही बाहर से आये तो फिर जीसस के जनà¥à¤® से हजारों वरà¥à¤· पहले हमारे समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ में निषादराज, महरà¥à¤·à¤¿ बालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿, शबरी, कणपà¥à¤ªà¤¾ उनका धरà¥à¤® कà¥à¤¯à¤¾ था? कà¥à¤¯à¤¾ वह ईसाई थे मिशनरीज इस बात का जवाब दे कि जीसस से पहले उनका धरà¥à¤® कà¥à¤¯à¤¾ था? इसके बाद कारà¥à¤¤à¤¿à¤• उराव जी ने कहा था कि हम सदैव हिनà¥à¤¦à¥‚ थे हिनà¥à¤¦à¥‚ है और हिनà¥à¤¦à¥‚ रहेंगे.
इसके बाद कारà¥à¤¤à¤¿à¤• उराव जी ने बिना किसी पूरà¥à¤µ सूचना à¤à¤µà¤‚ तैयारी के à¤à¤¾à¤°à¤¤ के à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कोनों से वनवासियों आदिवासियों के बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— लोगों, वृदà¥à¤§ तथा जादू टोना à¤à¤—तों को बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ और यह कहा कि आप अपने जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ, विवाह आदि में जो लोकगीत गाते हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गाकर सà¥à¤¨à¤¾à¤‡à¤ और फिर वहां सैकड़ों गीत गाये गठऔर सब लोकगीतों में यही वरà¥à¤£à¤¨ मिला कि यशोदा जी बालकृषà¥à¤£ को पालना à¤à¥à¤²à¤¾ रही हैं, सीता माता राम जी को पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤¾à¤Ÿà¤¿à¤•à¤¾ में निहार रही हैं, कौशलà¥à¤¯à¤¾ जी राम जी को दूध पिला रही हैं, कृषà¥à¤£ जी रà¥à¤•à¥à¤®à¤¿à¤£à¥€ से परिहास कर रहे हैं, आदि आदि, साथ ही उरांव जी यह à¤à¥€ कहा कि हम à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को अनà¥à¤¨ नहीं खाते, जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ à¤à¤—वान की रथयातà¥à¤°à¤¾, विजयादशमी, रामनवमी, रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¨, देवोतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जिसे उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में देव उठान à¤à¥€ बोला जाता है, होली, दीपावली आदि बड़े धूमधाम से मनाते हैं, तो हम ईसà¥à¤Ÿà¤° कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मनाये.?
कारà¥à¤¤à¤¿à¤• उराव जी यहाठही नहीं रà¥à¤•à¥‡ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वहां बैठी मिशनरीज से पूछा यदि हम ईसाई है तो यहाठबैठा à¤à¤• à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कोई à¤à¤¸à¤¾ गीत गा दे कि जिसमें मरियम ईसा को पालना à¤à¥à¤²à¤¾ रही हो, और यह गीत हमारे परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से हहो है तो मैं अà¤à¥€ का अà¤à¥€ ईसाई बन जाऊंगा, अंत में उरांव जी कहा कि मैं वनवासियों के उरांव समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से हूà¤, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ हमारे आदिगà¥à¤°à¥ हैं हम हिनà¥à¤¦à¥‚ ही पैदा हà¥à¤ है और हिनà¥à¤¦à¥‚ ही मरेंगे, ना कि ईसाई बनकर जमीन में गाड़े जायेंगे.
कारà¥à¤¤à¤¿à¤• उरांव जी अब नहीं रहे इसी का फायदा à¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡ जैसे राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में जमकर उठाया जा रहा है, मिशनरीज ने कृषà¥à¤£ जी को जीसस बनाकर सूली पर लटका दिया, माता मरियम के मंदिर बना डाले, और जीसस को आदिवासी जैसा दिखने वाला बनाकर नये रंग, नये रूप में रखकर बेच दिया. अà¤à¥€ तक इस काम के लिठविदेशों से मिशनरी लोग बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¥‡ जाते थे, वो यहाठआकर जीसस का बखान करते थे किनà¥à¤¤à¥ अब मà¥à¤‚बई के लोनावाला में बीटीसीपी यानि बाइबल टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤— सेंटर पासà¥à¤Ÿà¤° खोला गया है, यहाठà¤à¤• से छरू महीने में धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण करने के तरीके सिखाये जाते है, इसके बाद अपनों के खिलाफ अपने उतार दिठजाते है, हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं से ही हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को कोसना, अपने à¤à¤—वान महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ राम और शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को अपशबà¥à¤¦ बकना सिखाया जाता है,
असल में ये à¤à¤• हवा à¤à¤• लहर होती है जो लहर आज ईसाई बनाने की à¤à¤¾à¤°à¤¤ में दिखाई दे रही है कà¤à¥€ ये लहर दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कोरिया में à¤à¥€ चली थी 1940 के दशक में, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कोरिया में सिरà¥à¤« 2 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ ईसाई थे, 2014 में, ईसाई धरà¥à¤® को मानने वालों की संखà¥à¤¯à¤¾ वहां 30 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से अधिक हो गई यानी कि तीन पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अंतराल में 15 गà¥à¤¨à¤¾ वृदà¥à¤§à¤¿, लेकिन अचानक, वहां के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं ने इनका पाखंड à¤à¥‚ट देखा पादरियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया जा रहा यौन शोषण देखा तो किनारा कर लिया और चरà¥à¤š में जाना बंद कर दिया. आज वहां से à¤à¥‹à¤²à¤¾ उठाकर ये लोग à¤à¤¾à¤°à¤¤ नेपाल और मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार जैसे देशों में निकल लिà¤.
निकल कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम लोग अहिंसा पà¥à¤°à¥‡à¤® दया मानवता सरà¥à¤µ धरà¥à¤® समà¤à¤¾à¤µ में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करते है और वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤® मतलब सारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤• परिवार है जैसा हमारा नारा है जबकि अतीत की तो हम नहीं कहते लेकिन अब इस नारे ने हमें सबसे अधिक कमजोर किया, आंबेडकर जी ने कहा था कि मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® सिरà¥à¤« मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® को अपना à¤à¤¾à¤ˆ मानता है, दूसरों को नहीं, गीता में à¤à¥€ लिखा है कि धरà¥à¤® की हानि करने वाला कà¤à¥€ अपना नहीं होता à¤à¤• समय अरà¥à¤œà¥à¤¨ के मन में à¤à¥€ यही वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤® वाली à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ खड़ी हो गयी थी कि ये तो मेरा परिवार है लेकिन à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी ने अरà¥à¤œà¥à¤¨ की इस कमजोरी को दूर किया और बताया कि धरà¥à¤® को हानि करने वाले कà¤à¥€ अपने नही होते,
आज देखो कà¥à¤¯à¤¾ कोई मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® या ईसाई वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤® का पालन करता है? इसलिठवसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤® à¤à¤• सदà¥à¤à¤¾à¤µ का नारा हो सकता है, रणनीति नहीं, परिवार की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करना ठीक है किनà¥à¤¤à¥ जब तक संबंधित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ परिवार की तरह वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करता हो न कि तब जब वह आपको लूटने की योजना बना रहा हो, जैसे ये लोग आज लव जिहाद धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण का कà¥à¤šà¤•à¥à¤° रच रहे है और हम फालतू का नारा वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤® लेकर बैठे रहे कà¥à¤¯à¤¾ ओचितà¥à¤¯ है इस नारे का..?
इसके बाद कहा जाता है कि सब धरà¥à¤® बराबर है जब सब धरà¥à¤® बराबर है तो धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण पर कानून आने पर मिशनरीज बिलबिला कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जाती है, जब सब धरà¥à¤® बराबर है तो वेटिकन सिटी और मकà¥à¤•à¤¾ में मंदिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं है.? जैसे अयोधà¥à¤¯à¤¾ काशी मथà¥à¤°à¤¾ में चरà¥à¤š और मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ खड़ी है इसी तरह वहां à¤à¥€ मंदिर बनने चाहिठकि नहीं बनने चाहिà¤..?
इसका कोई जवाब नहीं आà¤à¤—ा à¤à¤¸à¥‡ सवाल अगर हिनà¥à¤¦à¥‚ करता है तो उनकी धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को ठेस पहà¥à¤à¤š जाती है और बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• वरà¥à¤— को सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• कह दिया जाता है.
असल में बहà¥à¤¤ पहले वेरियर à¤à¤²à¥à¤µà¤¿à¤¨ नाम का à¤à¤• मिशनरीज à¤à¤¾à¤°à¤¤ आया था वेरियर à¤à¤• धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤·à¥à¤ ईसाई थे और à¤à¤• मिशनरी के रूप में औपचारिक पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया था, वे 1927 में à¤à¤• मिशनरी के रूप में à¤à¤¾à¤°à¤¤ आठथे तथा पà¥à¤£à¥‡ में कà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¨ सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सोसाइटी में शामिल हà¥à¤, वेरियर à¤à¤²à¥à¤µà¤¿à¤¨ ने लिखा कि जब मैं तेरह साल पहले पहली बार आदिवासीयों के संपरà¥à¤• में आया था, तो मà¥à¤à¥‡ यह लगता था कि ये आदिवासी हिंदू नहीं थे। परंतॠआठवरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के कठिन अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ और शोध ने मà¥à¤à¥‡ आशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ किया है कि मैं गलत था. आदिवासियों के अनà¥à¤¦à¤° बहà¥à¤¤ गहरे तक हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® जà¥à¤¡à¤¾ हà¥à¤† है वो वेदों को मानने वाले लोग है लेकिन शिकà¥à¤·à¤¾ के अà¤à¤¾à¤µ और गरीबी के कारण ईसाई मिशनरीज उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनके मूल धरà¥à¤® से अलग करने का काम कर रही है..
हालाà¤à¤•à¤¿ सब जगह à¤à¤¸à¤¾ नहीं है जब कà¥à¤› समय पहले जब अंडमान निकोबार के दà¥à¤µà¥€à¤ª समूह के उतà¥à¤¤à¤°à¥€ सेंटिनल दà¥à¤µà¥€à¤ª पर सेंटिनल जनजाति समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों ने अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में घà¥à¤¸ रहे à¤à¤• अमेरिकी ईसाई धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• को तीर से मार डाला था. असल में सेंटिनल जनजाति के लोग अपने दà¥à¤µà¥€à¤ª पर किसी बाहरी को आने नहीं देते और अगर कोई बाहरी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपनी वाà¤à¤›à¤¿à¤¤ मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ का उलà¥à¤²à¤‚घन कर यहां आ à¤à¥€ जाठतो इस जनजाति के लोग उसे तीर की सहायता से मार देते हैं, इनके यहाठकोई à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ जवाब नहीं है, न इनके यहाठधरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ के खोखले सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त, यह à¤à¤• जनजाति है जिसकी अपनी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है जिसकी रकà¥à¤·à¤¾ ये लोग तीर की सहायता से करते आये हैं. लेकिन इसके विपरीत आज कà¥à¤› जगह à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को सूली पर लटकाकर और माता मरियम के मंदिर बनाकर à¤à¥‹à¤²à¥‡ à¤à¤¾à¤²à¥‡ आदिवासियों का धारà¥à¤®à¤¿à¤• शोषण ये लोग कर रहे है..
राजीव चौधरी
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